देश  द्रोही खोंग्रेस
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पूरी खोंग्रेस  एक्सपोस  हो कर के  देश द्रोही का खिताब जीत गई
बादनामीको रोशन कर के अपनी माँ के साथ धनोनी लुच्चाई कर गई

धन दौलत के काज बापको बचके अपनी माँ का गैरोसे सौदा कर गई
वाह रे वाह खोंग्रेस घरमे घुसके घर वालोका खून पीके हड्डिया छोड़ गई

इतनाही नहीं  हड्डियोंको चूसने का न्योता देश-विदेशियोको दानमे दे गई
अपर माँ कभी सच्ची माँ नहीं होती उंग्लियो नाखून से दुरी बनाये  रखती
===प्रहलादभाई